अरंडी की खेती कैसे करें, उन्नत किस्म

रोपण का समय
जरीफ में
बुवाई का समय: 15 जून से 31 जुलाई तक
फसल की अवधि – 170 से 240 दिन

तापमान, मिट्टी की तैयारी और खेत की जुताई।

फसल बोने के 15 दिन पहले 1 एकड़ खेत में 10 टन सड़ा हुआ गोबर और 10 किलो कार्बोफ्यूरन डालें, खेत की 1 जुताई करें, फिर 1 सिंचाई करें। 6 दिन बाद खेत की 3 बार जुताई करने के बाद लीज को पलट दें।

उन्नत किस्में
  • GCH7 – 170 से 180 दिनों की अवधि यह संकर किस्म सिंचित परिस्थितियों में उगाने के लिए उपयुक्त है, इसकी औसत उपज 13-14.4 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह नेमाटोड के लिए प्रतिरोधी किस्म है।
  • कालपी 6 – अवधि 180 से 240 दिन यह संकर किस्म 180-240 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यह जड़ सड़न रोग के लिए प्रतिरोधी है। सिंचित परिस्थितियों में उगाए जाने पर प्रति एकड़ औसतन 12 से 14 क्विंटल उपज देता है।
  • G.C.H4 – अवधि 210 से 240 दिन यह संकर किस्म 210-240 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यह जड़ सड़न रोग के लिए प्रतिरोधी है। सिंचित परिस्थितियों में उगाए जाने पर प्रति एकड़ औसतन 8-9 क्विंटल उपज देता है।
बीज की मात्रा

1 एकड़ अरंडी के उत्पादन के लिए 6 से 7 किलो बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचार

संकर बीज पूर्व उपचारित होकर आते हैं। इन्हें सीधे बोया जा सकता है। यदि घर में तैयार बीज बोया जाता है तो कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थीरम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें।

रोपण विधि

अरंडी की फसल की बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी और पंक्तियों के बीच की दूरी 90 सेमी होनी चाहिए।

उर्वरक और खाद प्रबंधन

अरंडी की फसल में नाइट्रोजन 50 किग्रा. तथा फास्फोरस 25 किग्रा. इसके लिए। उपयोग दर। रकड़ व भूद भूमि में 15 किग्रा. इसके लिए। पोटाश भी डालें। फास्फोरस और पोटाशियम की पूरी मात्रा और नत्रजन की आधी मात्रा बुवाई के समय बेसल ड्रेसिंग करें और नत्रजन की बची हुई मात्रा की खड़ी फसल में निराई-गुड़ाई करते समय टॉप ड्रेसिंग करें। संकर किस्म को 80 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फॉस्फोरस और 30 किलो पोटेशियम प्राप्त करना चाहिए।

सिंचाई

अरंडी की पूरी फसल को 17-20 सिंचाई की आवश्यकता होती है। बरसात के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। वर्षा की तीव्रता और नियमितता के आधार पर सिंचाई। पहली सिंचाई बुवाई के 60-75 दिन बाद करें। फूल आने के समय पौधों में पानी की कमी न होने दें। पकने की अवस्था में पानी देना बंद कर दें।

फसल कटाई

जब अरंडी के अंकुर हल्के पीले या भूरे रंग के हो जाएं तो इसकी तुड़ाई करें। सीकर के पूरी तरह से पक जाने तक प्रतीक्षा न करें, अन्यथा उत्पाद के फटने से उपज को नुकसान होगा। पहली अरंडी की फसल 90 से 110 दिनों के बाद और फिर हर महीने आवश्यकताओं के आधार पर की जाती है।